ब्यूरो रिपोर्ट - शमीम अहमद सहारनपुर
सहारनपुर साहब मैं अभी जिंदा हूं...मेरा पोस्टमॉर्टम करा दिया सहारनपुर के नाबालिग युवक की मुंबई में हो गई थी संदिग्ध मौत, कार्रवाई से बचने को जिंदा युवक को बना दिया मुर्दा।
सहारनपुर में एक युवक एसएसपी के दरबार में पहुंचा। प्रार्थना पत्र देकर बोला-साहब, मैं जिंदा हूं। मेरा ठेकेदार ने मुंबई में पोस्टमॉर्टम करा दिया। गांव के एक नाबालिग की वहां संदिग्ध मौत हो गई थी। आरोप है कि ठेकेदार ने कार्रवाई से बचने के लिए जिंदा युवक का आधार कार्ड दिया और उसका पोस्टमॉर्टम कराकर सर्टिफिकेट भी ले लिया। पीड़ित परिवार और जिंदा युवक ने भी कार्रवाई की मांग की।
थाना बड़गांव क्षेत्र के गांव अंबेहटा मोहन निवासी शाहनजर ने बताया कि ठेकेदार मोबिन गांव के लोगों को मुंबई में मजदूरी करने के लिए ले गया था। डेढ़ साल पहले गांव का साहिब और शाहनजर भी वहां काम पर गए थे। साहिब नाबालिग था। उसकी वहां पैसों को लेकर ठेकेदार से झड़प हो गई थी। आरोप है कि उसको ठेकेदार ने तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी।
शाहनजर और मृतक के भाई साहिल ने बताया कि 2024 में जब मोबिन गांव आया तो उसने उसके छोटे भाई साहिब (15) को भी काम का लालच देकर अपने साथ महाराष्ट्र ले गया। बताया कि आरोपी मोबिन उसके भाई से काम तो करवाता रहा, लेकिन आठ माह की मजदूरी नहीं दी। इसी बात को लेकर दोनों में कई बार कहासुनी होती रही।शाहनजर ने बताया कि उसका आधार कार्ड ठेकेदार मोबिन के पास था। उसने कार्रवाई से बचने के लिए साहिब की जगह मेरा आधार कार्ड दिया। मेरे नाम से पोस्टमॉर्टम करा दिया। अब मेरे को अपने कागजात बनवाने में परेशानी हो रही है। कहीं भी जाता हूं तो लोग कहते हैं तू तो मर गया है। ऐसे में मुझे काम करने में भी परेशानी हो रही है। साहिल के अनुसार, 1 अक्टूबर 2025 को वो और अन्य मजदूर महाराष्ट्र की धोलेरुबी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तीसरी मंजिल पर काम कर रहे थे। उसी दौरान मोबिन भी वहीं मौजूद था। इसी बीच उसका भाई साहिब चाय लेकर पहुंचा, जहां मोबिन और साहिब के बीच फिर झगड़ा हो गया। आरोप है कि झगड़े के दौरान मोबिन ने उसके भाई को धक्का दे दिया, जिससे वह तीसरी मंजिल से नीचे गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।मृतक के भाई साहिल का आरोप है कि इसके बाद मोबिन उसे बहाने से कोरे कागजों पर अंगूठा लगवाकर कहने लगा कि उसके भाई को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसके भाई को मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया और गांव लाकर दफना दिया। बाद में जब साहिल अपने भाई का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जनसेवा केंद्र पहुंचा, तो वहां उसे पता चला कि अस्पताल के दस्तावेजों में पोस्टमॉर्टम शाहनजर के नाम से कराया गया है। जबकि शाहनजर आज भी जीवित है और गांव में मौजूद है। साहिल का आरोप है कि मोबिन ने साजिश के तहत उसके भाई की हत्या की और पुलिस को धोखा देकर पोस्टमॉर्टम फर्जी नाम से कराया, ताकि उस पर कोई कार्रवाई न हो सके।