सहारनपुर में जमीन के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जहां एक पीड़ित व्यक्ति ने पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारी और कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Hamare Sapne News

ब्यूरो रिपोर्ट - शमीम अहमद 




सहारनपुर में जमीन के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जहां एक पीड़ित व्यक्ति ने पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारी और कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 



सहारनपुर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे इस्तखार अहमद ने पंजाब नेशनल बैंक शाखा और कुछ लोगों पर लगाए गंभीर आरोप। पीड़ित व्यक्ति ने पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारी अन्य लोगों पर लगाए भु माफिया के आरोप।



सहारनपुर जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे एक व्यक्ति ने पंजाब नेशनल बैंक और कुछ लोगों पर लगाए गंभीर आरोप, व्यक्ति ने गलत तरीके से जमीन खरीद फरोख्त करने के कुछ लोगों पर बैंक द्वारा मिली भगत कर बेचने के आरोप लगाए हैं, जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे व्यक्ति ने प्रेस वार्ता कर पूरे प्रकरण का खुलासा किया है। 




आपको बता दें सहारनपुर मे शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे पीड़ित इस्तखार अहमद, निवासी सम्राट विक्रम कॉलोनी थाना मंडी सहारनपुर ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा, शिकायती पत्र में व्यक्ति ने पंजाब नेशनल बैंक शाखा दिल्ली रोड सहारनपुर के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, इस्तखार अहमद ने बताया कि उन्होंने अपनी फर्म फेमस स्पोर्ट्स चिलकाना रोड के नाम से बैंक से 26 लाख रुपये का लोन लिया था, लेकिन कोरोना काल में खाता एनपीए घोषित हो गया। इसके बाद उन्होंने किस्तें जमा करनी शुरू कीं और पूरी धनराशि चुका भी दी। यही नहीं, उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने डीआरटी कोर्ट देहरादून में याचिका दाखिल की थी, जहां उन्हें राहत मिली और बैंक की नीलामी प्रक्रिया भी निरस्त कर दी गई थी। इसके बाद बैंक की ओर से नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था, इस्तखार अहमद ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद कुछ बैंक कर्मचारी भू-माफियाओं के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों ने पहले हाईकोर्ट में और फिर सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्यों के आधार पर याचिका दायर कर दी, जिसमें वास्तविकता को छुपाया गया। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी संपत्ति को कब्जे में दिलाने का आदेश पास कर दिया गया है, जो पूरी तरह तथ्यात्मक रूप से गलत और विधि विरुद्ध है, उनका कहना था कि जब लोन की पूरी रकम चुका दी गई और बैंक ने नो ड्यूज जारी कर दिया, तो इस तरह से उनकी संपत्ति हड़पने का प्रयास सीधे तौर पर भू-माफियाओं और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत का नतीजा है, इस पूरे मामले को लेकर इस्तखार अहमद ने एसपी से मामले की गहन जांच कराए जाने और उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि बैंक की मनमानी और षड्यंत्र से वे और उनका परिवार मानसिक रूप से परेशान हैं। इस संबंध में उन्होंने पत्रकारों से भी प्रेस वार्ता की और सारे दस्तावेज मीडिया के सामने रखते हुए बैंक पर धोखाधड़ी और साजिश रचने के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला तो वे इस मामले को लेकर बड़े आंदोलन की राह भी अपनाने को बाध्य होंगे।

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